हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि धयन व ज्ञान कि मूर्तिमान स्वरुप धयान गुरू अर्चना दीदी के दिव्य सानिध्य मैं हमें ॐ साधना का दुर्लभ अलोकिक अवसर प्राप्त होता है। उनके मुखारविन्द से उदभुत इस दिव्य ध्वनि की शक्तिशाली तरंगों , प्रकम्पनो से सम्पूर्ण वातावरण तरंगित हो उठता है तथा साधको की ऊर्जा उधर्वरगमन आने लगती हैं। विभिन्न साधको को विभिन्य प्रकार के अनुभव होते हैं। स्थूल शरीर से सुक्षम शरीर की यात्रा प्रारंभ हो जाती है।
ऐसे दुर्लभ अवसर जन्मों के पुण्यों के फलस्वरूप ही प्राप्त होते हैं. तथा जब ईशवर ऐसे अवसर प्रदान करते हैं , तो उसके साथ ही साधक के समक्ष परीक्षा की घडी भी उत्पन्न कर देते हैं, माया का प्रलोभन तथा आकर्षण प्रस्तुत कर देते हैं। जो साधक इस अवसर की दुर्लभता तथा महत्ता को समझता है , वही उस परम की परीक्षा मै उत्तीणं होता है, उसके लेया ही परमात्मा की कृपा के द्धार खुलते हैं। अन्यथा तो हम परिवार , व्यवसाय , सांसारिक दायित्वों के माया जाल मैं ही फँसे रहते हैं। .
Accept life like a pair of walking legs , the foot forward has no pride and the foot behind has no shame ........Both know their situation will soon change
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